देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। कई रिपोर्टस में कहा जा रहा है कि संभावित तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा देखने को मिल सकता है। इसके पीछे बच्चों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता न हो पाने को एक कारण के रूप में देखा जा रहा है। तो क्या वास्तव में इस बार बच्चों पर ज्यादा खतरा हो सकता है? इस संबंध में सामने आया एक सर्वे काफी राहत देने वाला है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने एक सीरो सर्वे की रिपोर्ट में बताया है कि यहां तकरीबन 51 फीसदी बच्चों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज मिली है। यह सर्वे 18 साल तक के बच्चों पर किया गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इस सर्वे के दो मायने हैं। पहला- मुंबई में 50 फीसदी से ज्यादा बच्चों को कोरोना का संक्रमण हो चुका है और दूसरा जिन बच्चों को संक्रमण हुआ है उनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज पाई गई हैं। ऐसे में अगर तीसरी लहर आती है तो इन बच्चों को काफी हद तक सुरक्षित माना जा सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
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